जिला परिषद व पंचायत समिति चुनावों में आप सरकार की ऐतिहासिक जीत: 70 प्रतिशत सीटों पर जीत
- By Gaurav --
- Monday, 22 Dec, 2025
AAP government wins historic Zila Parishad and Panchayat Samiti elections:
पंजाब में हाल ही में संपन्न हुए जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया है। 14 दिसंबर को हुए मतदान के बाद 17-18 दिसंबर को घोषित नतीजों में आप ने ग्रामीण पंजाब में अपना दबदबा स्थापित किया है। 22 जिला परिषदों के 347 जोन और 153 पंचायत समितियों के 2,838 जोन के लिए हुए इन चुनावों में आप ने लगभग 70 प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल की है। जिला परिषद की 317 घोषित सीटों में से आप ने 201 सीटें (लगभग 63%) जीतीं, जबकि कांग्रेस को 60, शिरोमणि अकाली दल को 39 और भाजपा को मात्र 4 सीटें मिलीं। यह जीत भगवंत मान सरकार की जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ और विकास कार्यों को दर्शाती है।
राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 19 दिसंबर को मोहाली में संयुक्त प्रेस वार्ता में इस ऐतिहासिक जीत पर प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह जनता का सरकार की ईमानदार और पारदर्शी कार्यप्रणाली पर विश्वास का प्रमाण है। केजरीवाल ने कहा कि जब चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते हैं, तो जनता अपना फैसला साफ तौर पर देती है। होशियारपुर में 22 सीटें, अमृतसर और पटियाला में प्रत्येक में 19 सीटें, तरनतारन और गुरदासपुर में प्रत्येक में 17 सीटें और संगरूर में 15 सीटों पर जीत ने सभी जिलों में आप की मजबूती को साबित किया है।
चुनावों की निष्पक्षता को साबित करते हुए केजरीवाल ने महत्वपूर्ण आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि पूरे पंजाब में 580 ऐसी सीटें थीं जो 100 से कम वोटों के अंतर से जीती गईं। इनमें से आप ने केवल 261 सीटें जीतीं, जबकि विपक्ष ने 319 सीटें जीतीं। उन्होंने विशेष उदाहरण देते हुए कहा कि संगरूर जिले के फगवाला जोन में कांग्रेस ने केवल 5 वोटों से, श्री मुक्तसर साहिब के कोट भाई जोन में 41 वोटों से और फतेहगढ़ साहिब की लखनपुर वार्ड में मात्र 3 वोटों से जीत हासिल की। केजरीवाल ने कहा, “अगर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग होता तो एक फोन कॉल से ये 319 सीटें भी हमारी हो सकती थीं। हमने ऐसा नहीं किया क्योंकि हम जनता की असली राय जानना चाहते थे।”
पंजाब सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का भी इस जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुफ्त बिजली योजना, जिसके तहत प्रति माह 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है, ने ग्रामीण परिवारों को बड़ी राहत प्रदान की है। इसके अलावा मोहल्ला क्लीनिक योजना, सरकारी स्कूलों में सुधार, किसानों को समय पर फसल का उचित मूल्य दिलाने में सरकार की सक्रिय भूमिका, सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था और नशे के खिलाफ मजबूत अभियान ने ग्रामीण मतदाताओं को प्रभावित किया है। लगभग 1.36 करोड़ मतदाताओं ने इन चुनावों में हिस्सा लिया और मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने चुनावों में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और धांधली के आरोप लगाए, हालांकि छोटे अंतर से विपक्ष की अधिक जीत ने इन आरोपों को निराधार साबित कर दिया। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने आरोप लगाया कि आप सरकार ने चुनाव “चुराए” हैं, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार मतदान और मतगणना पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुई। कुछ क्षेत्रों में विपक्ष ने अच्छा प्रदर्शन किया, जैसे रोपड़ जिले के चमकौर साहिब में कांग्रेस, बठिंडा में अकाली दल ने 13 सीटें और पठानकोट में भाजपा ने 4 सीटें जीतीं।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह जीत 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले आप सरकार के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कारक साबित होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पकड़ मजबूत होने से विधानसभा चुनावों में भी आप को फायदा मिल सकता है। जिला परिषद और पंचायत समिति निकाय ग्रामीण प्रशासन, विकास योजना और जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप के पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा कि लगभग 85 प्रतिशत घोषित जिला परिषद नतीजे आप के पक्ष में गए हैं, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि लोगों का पार्टी की नीतियों और नेतृत्व में विश्वास है।
पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में आम आदमी पार्टी की यह बड़ी जीत न केवल सरकार की लोकप्रियता को दर्शाती है, बल्कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया में जनता के विश्वास को भी मजबूत करती है। लगभग 70 प्रतिशत सीटों पर जीत और छोटे अंतर वाली सीटों पर विपक्ष की अधिक जीत यह साबित करती है कि जब सरकार जनहित में काम करती है और चुनाव निष्पक्ष होते हैं, तो जनता अपना फैसला साफ शब्दों में देती है। यह जीत पंजाब में आप सरकार के लिए एक नया अध्याय है और आने वाले समय में राज्य के समग्र विकास की दिशा में यह एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।